Wednesday, May 22, 2019

इन चुनावों में महिला उम्मीदवारों के लिए वोट क्यों करें? :ब्लॉग

मोदी जी का प्रचार सिर्फ भाभी जी के घर तक ही सीमित नहीं है. ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाले एक और सीरियल 'तुझसे है राब्ता' में भी मोदी सरकार की मुद्रा योजना की तारीफ की गई है.
इस सीरियल के 2 अप्रैल के एपिसोड में एक लड़की एक महिला के पास पहुंचती है और बताती है.
"मुद्रा योजना के हिसाब से आपके छोटे बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए. भारत सरकार आपको 10 लाख तक का लोन देगी."
"देश भर में 15 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों ये लोन मिला है, और उन्होंने अपनी ज़िन्दगी सुधार ली है. आप सुनकर हैरान हो जाएंगी कि इनमें से 70% औरतें हैं औरतें."
इस पर वह महिला सवाल करती है. "क्या सच में यह संभव है, अरे! पांच साल पहले ये किसी सपने से कम नहीं था."
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस तरह के प्रचार पर सवाल उठाए हैं. ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने ट्वीट किया है, ''मोदी सरकार ने पैसे देकर प्रचार करने की हदें पार कर दी हैं और अब वे टीवी सीरियल पर भी प्रचार कर रहे हैं. 'अखंड भारत के लिए दिन रात काम करने वाले' यह लाइन स्क्रिप्ट का हिस्सा तो नहीं रही होगी. चुनाव आयोग बताए कि वह क्या कर रहा है.''
वहीं कुछ लोग इस प्रचार के समर्थन में भी बोल रहे हैं. चौकीदार रिशी मिश्रा ने लिखा है, ''जब देश के 600 एक्टर, प्रोड्यूसर, फ़िल्म से जुड़े लोग मोदी को वोट न करने की अपील कर सकते है. तो Bhabhiji Ghar Par Hai Serial में अगर नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनके कार्यो की तारीफ हो रही है तो इससे दिक्कत क्या है?''
जिन दो सीरियल में मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार देखा गया है वे दोनों ही ज़ी नेटवर्क के चैनल हैं. एक है 'एंड टीवी' और दूसरा है 'ज़ी टीवी'.
ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा हैं. वे भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद भी हैं.
क्या आप जानते हैं कि चुनाव में महिला उम्मीदवारों के जीतने का अनुपात पुरुष उम्मीदवारों से ज़्यादा रहता है? 1952 के पहले लोकसभा चुनावों से लेकर 16वीं लोकसभा तक महिलाएं जीतने के अनुपात में हमेशा पुरुषों से आगे रही हैं.
1952 के पहले लोकसभा चुनावों में करीब 1874 उम्मीदवार चुनाव लड़ने उतरे थे जिनमें से 1831 पुरुष और 43 महिलाएं थीं. इनमें से जहां 1831 में से 467 पुरुषों की जीत हुई थी वहीं, 43 में से 22 महिलाओं ने जीत हासिल की थी. महिलाओं के जीतने का प्रतिशत 51.16 और पुरुषों का 25.50 रहा था.
जीत का प्रतिशत चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों के मुकाबले जीतने वालों का अनुपात होता है.
यह सिर्फ महिला उम्मीदवारों की जीत नहीं है बल्कि यह भारतीय राजनीति में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्राथमिकता बढ़ने जैसा है.
राजनीति में महिलाओं के योगदान पर काम कर रहे एक निष्पक्ष मंच 'शक्ति' के एक सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 82 प्रतिशत लोग 2019 के लोकसभा चुनावों में महिलाओं को चुनना चाहते हैं.
टीवी सीरियल में अपनी फ़िल्मों के प्रमोशन के लिए अभिनेता-अभिनेत्रियां हमेशा से आते रहे हैं. लेकिन किसी सरकार की योजनाओं का चुनाव से ठीक पहले प्रचार किया शायद ही पहले कभी देखा गया.
इससे पहले नमो टीवी नामक एक चैनल के प्रसारण पर भी चर्चाओं में रहा. चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक पार्टियां नमो टीवी चैनल के प्रसारण के मालिक और वह कहां से प्रसारित किया जा रहा है इस पर सवाल कर चुके हैं.
देश में आचार संहिता लागू है. इस दौरान सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फ़ायदा पहुंचता हों. इसलिए भाभी जी के घर पर मोदी सरकार की योजनाओं का गुणगान आचार संहिता के दायरे में आता है या नहीं इस पर बहस जारी है.

No comments:

Post a Comment